किसान आंदोलनों के बीच कृषि कानूनों के विरोध के नाम पर जारी किसान आंदोलन में खालिस्तानियों, इस्लामी कट्टरपंथियों और अतिवादी वामपंथियों की घुसपैठ तथा हिंसा की साजिश रचे जाने की खबरों के बीच व्हाट्सऐप पर एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है। ‘नया पाकिस्तान’ नाम के किसी वीडियो चैनल द्वारा बनाया गया है।
वीडियो में हाथ में माइक लिए एक रिपोर्टर के अलावा कुछ लोग नजर आ रहे हैं। इनमें से एक सफेद कुर्ता और सफेद दाढ़ी वाले बुजुर्ग मौलाना कह रहा है, “देखो जी चैदह करोड़ सिख हैं जी। एक करोड़ कश्मीरी हैं जी और तीस करोड़ वहाँ पे इंडिया में मुसलमान हैं। अब पन्द्रह वे हो गए और तीस ये हो गए हैं। पैंतालीस करोड़ मुसलमान हो गए हैं, अगर सिख भी हमारे साथ होंगे इंशा अल्लाह, उन्हें हमने इज्जत दी है, हमने उन्हें सर पे बिठाया है, पाकिस्तान, इमरान खान ने उन्हें इज्जत दी है, जनरल कमर बाजवा ने उन्हें इज्जत दी है। पाक फौज ने उनका एहतराम किया है जी। इंशा अल्लाह ताला वो अब जंग में हमारे साथ होंगे।”
एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें मौलाना की तरह दिखने वाला एक बुजुर्ग समझा रहा है कि कैसे मुसलमान, सिखों और कश्मीरियों को साथ लेकर हिंदुओं के खिलाफ जंग कर सकता है।
किसान आंदोलनों के बीच मैसेंजर ऐप व्हाट्सऐप पर वायरल हो रहे इस पुराने वीडियो में मुस्लिमों और सिखों की संख्या जोड़कर भारत और मोदी को सबक सिखाने का ऐलान किया जा रहा है। हिन्दुओं का नामोनिशान मिटाने तक की भी बात कही जा रही है।
“ये कैसे किसान हैं? जिनको न सरकार पर यकीन है, न कोर्ट पर यकीन हैं !
इसके आगे बुजुर्ग मौलाना भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जिक्र करते हुए कहता है, “मोदी को अब सबक सिखाने का टाइम आ गया, इंशा अल्लाह ताला, पैंतालीस करोड़ वहाँ होंगे, बीस करोड़ आवाम यहाँ है। इसके बाद बुजुर्ग भावनाओं में बहते हुए और ऊँची आवाज में नारे लगाते हुए बोलता है, “मोदी अब तेरी खैर नहीं। इंशा अल्लाह ताला, हिन्दुओं का नामोनिशान मिट जाएगा दुनिया से।”
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इस तरह के वीडियो का वायरल होना इसलिए भी चिंताजनक है क्योंकि ऐसा ही ट्रेंड सीएए के विरोध के नाम पर भी देखने को मिला था। जिसकी अंतिम परिणति उत्तर-पूर्वी दिल्ली के हिंदू विरोधी दंगों के तौर पर हुई थी।
Ek to Pakjabi, phir Mullah aur woh bhi Boot polishya..
45 karror musalman aur 15 karror Sikh .. mil ke India….😂😂😂😂😂 pic.twitter.com/7Oq68wDlQU— Arif Aajakia (@arifaajakia) November 16, 2019
गौरतलब है कि यह वीडियो नवम्बर, 2019 में पीओके के मानवाधिकार कार्यकर्ता और पत्रकार आरिफ अजाकिया द्वारा ट्वीट किया गया था। आरिफ अजाकिया ने इसे शेयर करते हुए लिखा, “एक तो पाकजबी, फिर मुल्ला और वो भी बूट पोलिशिया। 45 करोड़ मुसलमान और 15 करोड़ सिख।” आरिफ अजाकिया ने इसके साथ ही हँसने वाली मजाकिया ‘इमोजी’ इस्तेमाल की थी। वैसे इस वीडियो का हालिया किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं है। इस वक्त इसे वायरल किए जाने से किसान आंदोलन की आड़ में हिंसा की साजिशों को लेकर जताई जा रही आशंकाओं को और पुख्ता करता है। लेकिन, आम जनता और मोदी सरकार को इस तरह की साजिशों से सावधान रहना होगा।