
दिल्ली बार्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को लेकर सोशल मीडिया पर बहसबाजी तेजी से चल रही है। सोशल मीडिया पर किसान आंदोलन को लेकर हर कोई टीका टिप्पणी कर रहा है। इस बीच फिल्म मेकर अशोक पंडित ने भी किसान मुद्दों को लेकर राहुल गांधी पर तंज कसे। एक पोस्ट के जरिए अशोक पंडित ने राहुल गांधी का मजाक उड़ाते हुए कहा- ‘राहुल गांधी ने किसानों से ४ घंटे मुलाकात की। ३ घंटे तो किसान उन्हें यही समझाते रहे, कि गेहूं का कोई पेड़ नहीं होता! लेकिन राहुल गांधी माने नहीं! आखिर थक कर किसानों ने पीछा छुड़ाने के लिए उनसे कहा कि गेहूं के पेड़ इटली में होते होंगे हिंदुस्तान में नहीं !’
राहुल गांधी ने किसानों से ४ घंटे मुलाक़ात की ….
३ घंटे तो किसान उन्हें यही समझाते रहे
की गेहूँ का कोई पेड़ नहीं होता !
लेकिन वो माने नहीं !
आख़िर थक कर किसानों ने पीछा छुड़ाने के लिए उनसे कहा की गेहूँ के पेड़ इटली में होते होंगे हिंदुस्तान में नहीं ! #FarmersWithModi— Ashoke Pandit (@ashokepandit) December 16, 2020
अशोक पंडित के इस पोस्ट को देख कर लोग खूब मजे लेते दिखाई दिए। ऐसे में एक यूजर ने लिखा- ‘किसान होशियार हैं ! उन्होंने ये माथापच्ची कांग्रेसी राजमाता को ही सौंप दी ! संभालो अपना बच्चा ! लेकिन उन्हें 75 साल राजमाता के बारे में भी सोचना चाहिए था, इस उम्र में अब इतनी दिमागी कवायद ठीक नहीं !’ एक ने अशोक पंडित पर बिफरते हुए कहा- 2 रुपए का ट्वीट।
राहुल गांधी ने किसानों से ४ घंटे मुलाक़ात की ….
३ घंटे तो किसान उन्हें यही समझाते रहे
की गेहूँ का कोई पेड़ नहीं होता !
लेकिन वो माने नहीं !
आख़िर थक कर किसानों ने पीछा छुड़ाने के लिए उनसे कहा की गेहूँ के पेड़ इटली में होते होंगे हिंदुस्तान में नहीं ! #FarmersWithModi— Ashoke Pandit (@ashokepandit) December 16, 2020
तो कोई बोला- आज की बेस्ट लाइन थी सर। तो किसी ने जवाब में कहा- ‘और मोदी को ये समझाने में 7 दिन लग गए।’ एक यूजर बोला- ‘रामपुर के नवाब से कम थोड़े हैं पप्पू।’ तो किसी ने राहुल गांधी की एक एडिट फोटो शेयर कर लिखा- समस्या और हल साथ साथ। तस्वीर में राहुल गांधी के कंधे पर हल रखा दिखाया गया था।
राहुल गांधी ने किसानों से ४ घंटे मुलाक़ात की ….
३ घंटे तो किसान उन्हें यही समझाते रहे
की गेहूँ का कोई पेड़ नहीं होता !
लेकिन वो माने नहीं !
आख़िर थक कर किसानों ने पीछा छुड़ाने के लिए उनसे कहा की गेहूँ के पेड़ इटली में होते होंगे हिंदुस्तान में नहीं ! #FarmersWithModi— Ashoke Pandit (@ashokepandit) December 16, 2020
एक यूजर ने लिखा- ‘अगर गेहूं के पेड़ नहीं होता तो आलू कहां से निकलता है? पप्पू ने पूछा। तो किसान बोला- फैक्ट्री में बनता है। पप्पू बोला- मुझे मालूम नहीं था पहले, मैं नया था राजनीति में, अब पता चला। आलू गेहूं के पेड़ में ही उगता है। तभी तो लोग आलू की सब्जी और गेहूं की रोटी खाते हैं।
राहुल गांधी ने किसानों से ४ घंटे मुलाक़ात की ….
३ घंटे तो किसान उन्हें यही समझाते रहे
की गेहूँ का कोई पेड़ नहीं होता !
लेकिन वो माने नहीं !
आख़िर थक कर किसानों ने पीछा छुड़ाने के लिए उनसे कहा की गेहूँ के पेड़ इटली में होते होंगे हिंदुस्तान में नहीं ! #FarmersWithModi— Ashoke Pandit (@ashokepandit) December 16, 2020