किसान आंदोलन में यह नारा लगाना क्या देश के किसानों को बदनाम करने की साजिश नहीं है? क्या एक किसान कब्र खोदने की बात कर सकता है? यह कुछ ऐसे सवाल हैं जो आज हर देशभक्त पूछ रहा है उन आंदोलनकारियों से।
आंदोलनकारियों से जब पूछा जाता है तो उनका जवाब होता है हमे इस नारे का कोई पता नहीं अगर किसी ने लगाया है तो हम इसका विरोध करते हैं।
उन आंदोलनकारियों को जब पता है इस आंदोलन में असामाजिक तत्व शामिल हो चुके हैं फिर भी हठ करके आंदोलन को खत्म नहीं कर रहे हैं और एक अराजक माहौल को बिना किसी कारण वश हवा दे रहे हैं। सरकार बार बार अनुरोध कर रही है पर राकेश टिकैत जैसे कुछ तथाकथित किसान नेता मानने को तैयार नहीं है।
हद तो तब पार हो गई जब आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले को भी मानने से इंकार कर दिया गया है। कानून सड़कों पर नहीं संविधान और संसद में बनता है। अगर किसी में हिम्मत है तो लोकतंत्र में चुनाव लडे और अपने घोषणा पत्र में उन सभी कानूनों को रद्द करने की बात लिखें चाहे वो कृषि कानून हो, धारा 370 हो , नागरिकता कानून हो, या अन्य कानून जो मौजूदा सरकार ने बनाए है लोकतंत्र और संविधान की मर्यादा में रहकर।
“Modi teri kabar khudegi”??
Sounds so similar to what they came up with during Anti CAA protests “Hindutva teri kabar khudegi”…
God, save this country! pic.twitter.com/DUUcFCLqjF
— INFERNO (@TheAngryLord) November 27, 2020
यही कांग्रेस की सरकार में इतिहास में कई ऐसे आंदोलन हुए हैं जब आंदोलनकारियों की हत्या की गई । किस्मत के धनी हो यह सरकार इतनी विनम्र है नहीं तो प्रधानमंत्री की कब्र खोदने का नारा लगाने वालों का क्या हाल होता इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है।
जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों की आय दोगुनी करने के लिए खेती के अलावा कृषि से जुड़े अन्य क्षेत्रों के विकास पर जोर दिया है। मोदी सरकार किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठा चुकी है।
“Modi teri kabar khudegi”??
Sounds so similar to what they came up with during Anti CAA protests “Hindutva teri kabar khudegi”…
God, save this country! pic.twitter.com/DUUcFCLqjF
— INFERNO (@TheAngryLord) November 27, 2020
मोदी सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए कई ऐसी पथ प्रदर्शक और क्रांतिकारी योजनाएं शुरू कीं, जिनमें देश को बदलने और जमीनी स्तर पर बदलाव लाने की क्षमता है।
पिछले 6 वर्षों में किसानों के कल्याण के लिए इतना कुछ किया गया है, जो 70 वर्षों में नहीं हुआ। फिर भी आजादी के बाद से किसानों की जरूरतों पर ध्यान ना देने वाली कांग्रेस आज उन्हें भड़काने का काम कर रही है। कांग्रेस के शह पर किसान आंदोलन में खालिस्तान समर्थन जुटे हुए हैं।
देश विरोधी नारे लगाए जा रहे हैं। किसान आंदोलन में शामिल लोग ‘मोदी तेरी कब्र खुदेगी के नारे लगाए जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर यूजर्स सवाल कर रहे हैं कि CAA की तर्ज पर किसानों के बहाने भारत और प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ कौन चला रहा है अभियान?