लाहौर। लाहौर से करीब 250 किलोमीटर दूर खुशब में बैंक के प्रबंधक मलिक इमरान हनीफ को बैंक के सुरक्षा गार्ड अहमद नवाज़ ने बुधवार सुबह गोली मार दी थी। नवाज सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी है। पीड़ित के परिवार ने कहा कि यह ज़ाती दुश्मनी के तहत की गयी हत्या है और आरोपी ने अपने को बचाने के लिए इसे ईशनिंदा का मुद्दा बनाया है।
पुलिस के अनुसार हनीफ को लाहौर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां गुरुवार को उनकी मौत हो गयी। पुलिस ने बताया कि आरोपी नवाज को गिरफ्तार कर लिया गया है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी तारिक विलायत के अनुसार नवाज ने दावा किया कि उसने ईशनिंदा को लेकर हनीफ पर गोलियां चलाई थी।
गौरतलब है कि यह घटना 4 नवंबर को ख़ुशब की तहसील क़ैदाबाद में हुई थी। बैंक शाखा में तैनात सुरक्षाकर्मी अहमद नवाज ने नेशनल बैंक ऑफ़ पाकिस्तान के अधिकारी मुहम्मद इमरान हनीफ को गोली मारकर घायल कर दिया था। नवाज ने कहा कि उन्होंने हनीफ को कथित ईशनिंदा करने के आरोप में खुलेआम गोली मार दी थी। हालाँकि, पाकिस्तानी पुलिस ने पुष्टि की कि कुछ दिनों से दोनों के आपसी विवाद चल रहा था। जिस वजह से घटना को अंजाम दिया गया।
वहीं जैसे ही सुरक्षा गॉर्ड को पुलिस हिरासत में ले रही थी, एक बड़ी संख्या में भीड़ उसके समर्थन में उतर आई और उसके पक्ष में नारे लगाते हुए दिखी।
एक अन्य वीडियो में आप देख सकते हैं कि भीड़ किस तरह हत्या के आरोपित को संरक्षण देते और हत्या के लिए उसे बधाई देती नजर आ रही है। भीड़ के साथ आरोपित मजहबी नारे लगाता है, जिसका अर्थ है “पैगंबर का अपमान करने वालों का सर कलम कर दो।”
वीडियो में आरोपी अहमद एक भीड़ का नेतृत्व करते, नारे लगाते और हत्या का जश्न मनाते हुए सड़क पर दिखाई दे रहा है। इस प्रदर्शन के बीच एक व्यक्ति को भीड़ से निकलते और उसे चूमते हुए भी देखा जा सकता है।
Another killing for blasphemy in Islamic State Pakistan.
Ahmad Nawaz a security guard kills branch manager of National bank accusing him Blasphemy after heated argument. Look how he is greeted by crowd, kissing his hands with honour. All cultures or religions are not same sir. pic.twitter.com/57EoCa5kgp— Rahat Austin (@johnaustin47) November 4, 2020
Qaidabad, Khushab, Punjab. #Barelvi security card killed a bank manager accusing him of blasphemy. Crowd greets him with slogans, “Behead those who insult the Prophet”. pic.twitter.com/U81u6Pq5PW
— SAMRI (@SAMRIReports) November 4, 2020
पैगंबर मुहम्मद या उनके खिलाफ बोलना ईश निंदा माना जाता है, जिस पर इस्लामिक कट्टरपंथियों ने मासूम लोगों को मौत के घाट उतारने का काम किया है। बीते दिनों यह नजारा फ्रांस में देखने को मिला जब शिक्षक द्वारा पैगम्बर मोहम्मद का कार्टून दिखाने पर उसका सर कलम कर दिया गया था।
वहीं पूर्व हिंदू महासभा के नेता और हिंदू समाज पार्टी के संस्थापक कमलेश तिवारी की हत्या और बेंगलुरु में हुए दंगों के पीछे की वजह भी यही थी। अक्सर असहज तथ्यों को बोलने की हिम्मत रखने वालों के खिलाफ नफरत और असहिष्णुता देखी ही जाती है।
Qaidabad, Khushab, Punjab. #Barelvi security guard Ahmad Nawaz killed bank manager Malik Imran Hanif over blasphemy. He is waving his supporters from the roof of the local police station. Crowd is clapping and chanting, “behead those who insult the Prophet” pic.twitter.com/bjdLNmlY9g
— SAMRI (@SAMRIReports) November 4, 2020